Mithun Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai: मिथुन राशि राशियों में 3 नंबर की राशि मिथुन राशि होती है। काल पुरुष की कुंडली में तीसरा भाव मिथुन राशि का होता है। मिथुन राशि के जातको का दिमाग किसी एक कार्य पर स्थिर नहीं रहता कुछ न कुछ नया सीखना और करना चाहता है। इन्हे अपने जीवन में आजादी पसंद होती है और ये किसी बंधन में बंधना पसंद नहीं करते अक्सर अपना रोजगार खुद करते है जैसे व्यापार। यह अपने जीवन में अलग अलग चीजों का अनुभव लेना चाहते है और अक्सर किसी एक कार्य से संतुष्ट नहीं होते है।
मिथुन राशि क्या है (Gemini Rashi in Hindi)
काल पुरुष की कुंडली में 3rd हाउस मिथुन राशि (Gemini) को दर्शाता है। मिथुन राशि क्या है इसे ऐसे समझे की जिस जातक का जन्म मिथुन राशि में हुआ है यानि उसकी कुंडली में मिथुन राशि लिखी है इसका अर्थ है की उसके जन्म के समय चन्द्रमा मिथुन राशि में स्थित है। जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में स्थित है वही राशि जन्म राशि कहलाती है। मिथुन राशि का जातक हमेशा नए काम के लिए प्रोत्साहित होता रहता है। मिथुन राशि के इष्ट देव कौन है यह आगे हम इसी पोस्ट में जानेंगे ।
मिथुन राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी
मिथुन राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी के अंतर्गत आप मिथुन राशि का स्वाभाव ,शारीरिक बनावट ,चिन्ह ,स्वामी ग्रह ,इष्ट देव ,तत्व ,रत्न ,रुद्राक्ष ,रंग ,व्यवसाय ,रोग ,उच्च नीच मूल ग्रह ,मंत्र ,धातु और नाम अक्षर आदि की जानकारी प्राप्त करेंगे।मिथुन राशि के इष्ट देव कौन है (Mithun Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai) इससे पहले हम मिथुन राशि वालो के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी जानलेते है ।
मिथुन राशि के जातक का स्वाभाव (Gemini Rashi personality)
मिथुन राशि वालो को अलग -अलग चीजे पसंद होती है। इनके बोलने का तरीका काफी बेहतर होता है कह सकते है की इनके पास अच्छा कम्युनिकेशन स्किल होता है । इसी कारण यह समाज से जुड़े हो सकते है या सामाजिक कार्य करता हो सकते है। लेकिन यह किसी कार्य पर अक्सर अधूरी इनफार्मेशन ले लेते है और उस पर कार्य करने लगते है और फिर उस कार्य को ठीक से कर नहीं पाते और ऐसे में फिर दूसरा कार्य स्टार्ट कर देते है । इन्हे भावनात्मक चीजों से जुड़ना पसंद नहीं है तथा किसी प्रकार की जिम्मेदारी से बचते है उसे नहीं लेना चाहते।
मिथुन राशि (Gemini Rashi) के जातक धोखाधड़ी के कारण हानि उठाते है। इन्हे ईश्वर की और से सहायता उपलब्ध होती है, जरूरत के मुताबिक स्वयं को ढ़ाल लेते हैं, परिवर्तनशील मिज़ाज, धैर्यहीन, बेचैन, मानसिक कार्यों में प्रवीण, संकल्पशक्ति कमजोर निर्णयक्षमता तीव्र और एकाग्रता उत्तम होती है, यंत्र विज्ञान में प्रवीण होते हैं, प्रत्येक विषय की जानकारी रखते हैं वार्तलाप में उत्कृष्ट रहते हैं, कवि, वक्ता लेखक, संगीतज्ञ आदि होते हैं।
मिथुन राशि वालो के दो व्यवसाय भी हो सकते हैं। दो कार्य साथ-साथ सफलतापूर्ण संपन्न कर सकते हैं नौकरी में किस्मत साथ नहीं देती हे। समाज में सम्मान होता है। महिलाओं द्वारा कार्य में बाधा या हानि होती है। इन्हे विपरीत लिंग के व्यक्तियों के साथ सावधानी बरतनी चाहिए। धर्म और अध्यात्म में रूचि होती है। महिलाएं इनकी कमजोरी होती है। उनका स्नेह पाने में प्रवीण होते हैं।
सामाजिक उत्सवों आदि में भाग लेने के लिए तत्पर रहते हे। विवाह में उत्साह और रूचि रहती है। इनकी जिज्ञासु प्रवृत्ति और चतुराई इन्हें सामाजिक समारोहों और पार्टी के आकर्षण का केंद्र बना देती हैं। ये न केवल अच्छे बातचीत करने वाले होते हैं, बल्कि अच्छे सुनने वाले भी होते हैं। मिथुन राशि के जातक बातचीत के दौरान अक्सर लोगों को नई जानकारी से अवगत कराते हैं। इसके लिए ये हमेशा खुद को नई जानकारियों से अपडेट रखते हैं।
मिथुन राशि के जातक की शारीरिक संरचना (Gemini Rashi Physical Appearance)
मिथुन राशि वालो का शरीर लंबा, सुडौल शरीर, पतले और लंबे हाथ मध्यम रंग, ठोढ़ी के पास गढ्ढ़ा, सक्रिय स्पष्ट वचन तीखी-सक्रिय काली आंखें, लंबी नाक चेहरे पर मस्सा।
मिथुन राशि का चिन्ह (Gemini Rashi Symbol)
मिथुन राशि का प्रतिक जुड़वाँ व्यक्ति होता है यानि दो लोगो का युग्म होता है । कह सकते है की एक द्वी स्वाभाव व्यक्ति होता है।लेकिन इसमें एक ऐसी महिला की बात है जिसके हाथ में वीणा है और ऐसा पुरुष जिसके हाथ में गदा। इसका विवरण जयपुर में जंतर-मंतर में स्थित है।
मिथुन राशि का चिन्ह (Gemini Rashi Symbol) रोमन के 2(II) अंक की तरह नजर आता है। इससे दो युग्म जुड़ते हुए भी प्रतीत होते है जो बराबर योगदान को दर्शाता है।
मिथुन राशि का स्वामी कौन है (Gemini Planet)
मिथुन राशि के स्वामी बुध देवता (Mercury) होते है। बुध एक युवा और जोशीला ग्रह है।
मिथुन राशि के इष्ट देव कौन है (Mithun Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai)
Mithun Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai: वैसे तो बुध देवता इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर मिथुन राशि के इष्ट देव कौन है की बात की जाये तो प्रथम पूज्य श्री गणेश जी और भगवान विष्णु मिथुन राशि के इष्ट देवता होते है। प्रथम पूज्य श्री गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है। बुधवार गणेश जी का विशेष दिन भी माना जाता है। वंही भगवान विष्णु परम बुद्धिमान है। इनकी भी पूजा अर्चना बुधवार को की जाती है। इसलिए मिथिन लग्न और मिथुन राशि के लोगो को गणेश और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और इनके मंत्रो का जप करना चाहिए ताकि कुंडली में इससे शुभ परिणाम मिल सके ।
मिथुन राशि तत्व (Gemini Rashi Element)
मिथुन राशि एक वायु तत्व राशि है। वायु तत्व (Air Element) होने के कारण ही मिथुन राशि के जातको के स्वाभाव और कार्यशैली में हवा की तरह परिवर्तन होता रहता है।
मिथुन राशि का रंग (Gemini Rashi Color)
मिथुन राशि बुध से प्रभवित राशि है जिसका रंग हरा होता है।
मिथुन राशि का व्यवसाय (Gemini Rashi profession)
मिथुन राशि के जातको का कम्युनिकेशन अच्छा होता है जिससे इनके लिए मीडिया क्षेत्र ,एंकरिंग ,मॅट्रिमोनी ,डीलरशिप ,नेटवर्क मार्केटिंग आदि में अच्छा भविष्य होता है। इसके अलावा इन्हे डिज़ाइनर का कार्य चाहे वो फैशन हो या घर तथा किसी प्रोडक्ट का डिज़ाइन हो। कलाकार, लेखक और पत्रकार भी इस (Gemini Rashi) राशि के लोग बनते है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा स्कूल-कॉलेज में प्राचार्य के पद भी इन राशि के जातको में देखे गए है। तथा होटल मेनेजमेंट ,बैंकिंग सेक्टर में भी बुध की स्थिति अच्छी होने पर जाते है।
मिथुन राशि के संभावित रोग (Mithun Rashi disease)
इसके अलावा दिमागी रोग ,नसों से सम्बंधित रोग आदि भी होने की संभाव
मिथुन राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह
मिथुन राशि राहु की उच्च राशि है। वही केतु मिथुन राशि में नीच का हो जाता है। तथा मिथुन बुध की मूल राशि है।
मिथुन राशि के लिए मंत्र (Mithun Rashi Mantra)
|| ॐ क्लीं कृष्णाय नमः ||
इस मंत्र का प्रति दिन १ माला जाप करना चाहिए। इसके अलावा श्री गणेश जी का मंत्र ॐ गं गणपति नमः तथा बुध देवता का मंत्र ॐ बुं बुधाय नमः का भी जाप किया जा सकता है।
मिथुन राशि के लिए धातु
मिथुन राशि वालों के लिए शुभ धातु कांसा (Bronze) है। इस धातु का संबंध बुध ग्रह से होता है।
मिथुन राशि के लिए रत्न (Mithun Gemstone)
मिथुन राशि के लिए पन्ना मूल रत्न मन गया है। लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।
मिथुन राशि के लिए रुद्राक्ष (Mithun Rudraksha)
मिथुन राशि के लिए चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में बताया गया है।
मिथुन राशि के नाम के पहले अक्षर (Mithun Rashi Name Letters)
मिथुन राशि के राशि के नाम अक्षर क,स,छ,च,घ है।
आज आपने इस लेख में जाना की मिथुन राशि के इष्ट देव कौन है (Mithun Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai) उसके बारे में चर्चा की । मिथुन राशि क्या है तथा मिथुन राशि के बारे में आवश्यक जानकारी आपको कैसी लगी। आशा है कि यह आपको अपने दैनिक जीवन में सहायता प्रदान करेगा।
FAQ:
क्या मिथुन राशि का रत्न कोई भी पहन सकता है ?
नहीं ,इसके लिए कुंडली का विवेचन आवश्यक है।
क्या मिथुन राशि का रुद्राक्ष कोई भी पहन सकता है ?
हाँ ,रुद्राक्ष को मिथुन राशि वाले पहन सकते है।