प्रत्यन्तर्दशा साधन
अन्तर्दशा के पश्चात प्रत्यन्तर्दशा साधन किया जाता है, ताकि ग्रहों के शुभाशुभ फल को सूक्ष्मता से समझा जा सके | किसी भी ग्रह की प्रत्यन्तर्दशा ज्ञात करने की रीति यह है की अन्तर्दशा काल को दिनात्मक बनाकर जिस ग्रह की प्रत्यन्तर्दशा ज्ञात करनी हो उस ग्रह के दशावर्ष से दिनात्मक अन्तर्दशा काल को गुणा करके 120 का भाग दे दिया जाए तो उस ग्रह की दिनात्मक प्रत्यन्तर्दशा स्पष्ट हो जायगी | उदाहरणार्थ, जैसे हमें सूर्य महादशा की सूर्य की अन्तर्दशा 3 मास और 18 दिन है | इसको दिनात्मक बनाया = 3 गुणा 30 +18 = 108
इस दिनात्मक संख्या को सूर्य के दशा वर्ष 6 से गुणा किया और 120 से भाग दिया =108 गुणा 6 = ६४८/ 120 = 5 दिन 24 घटी, अथार्त सूर्य महादशा की सूर्य अन्तर्दशा में सूर्य की प्रत्यन्तर्दशा आई 5 दिन 24 घटी | इसी प्रकार अन्य ग्रहों की दशा-भुक्ति का समय भी स्पष्ट किया जा सकता है|
इस दिनात्मक संख्या को सूर्य के दशा वर्ष 6 से गुणा किया और 120 से भाग दिया =108 गुणा 6 = ६४८/ 120 = 5 दिन 24 घटी, अथार्त सूर्य महादशा की सूर्य अन्तर्दशा में सूर्य की प्रत्यन्तर्दशा आई 5 दिन 24 घटी | इसी प्रकार अन्य ग्रहों की दशा-भुक्ति का समय भी स्पष्ट किया जा सकता है|