Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai: मेष राशि को 12 राशियों में पहली राशि माना जाता है। ज्योतिष में अनेक प्रकार से व्यक्ति के बारे में जान सकते है। कुछ लोग ऐसे होते है जो चेहरे के भाव से व्यक्ति के आतंरिक मन को जान सकते है। राशियों से आपके स्वाभाव को जाना जा सकता है लेकिन भविष्य के बारे में नहीं जाना जा सकता है। क्योंकि एक राशि के कई लोग होते है और सबका जीवन एक सामान नहीं होता है। मेष राशि के इष्ट देव कौन है यह भी आगे हम इस पोस्ट में जान जायेंगे।
मेष राशि क्या है (Aries in Hindi)
मेष राशि क्या है इसे ऐसे समझे की जिस जातक का जन्म मेष राशि में हुआ है यानि उसकी कुंडली में मेष राशि लिखी है इसका अर्थ है की उसके जन्म के समय चन्द्रमा मेष राशि में स्थित है। जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में स्थित है वही राशि जन्म राशि कहलाती है। चन्द्रमा प्रायः अलग-अलग राशि में है विचरण करता रहता है वह जन्म के समय जिस राशि में होता है वही राशि जन्म राशि कहलाते है। आप अपनी लग्न कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति देखिये यह किस राशि पर है वही जन्म राशि होगी। कुछ लोग अपने नाम के पहले अक्षर से अक्सर अपनी राशि मान लेते है लेकिन यह कोई तर्क युक्त स्थिति नहीं है।
मेष राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी
मेष राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी के अंतर्गत आप मेष राशि का स्वाभाव ,शारीरिक बनावट ,चिन्ह ,स्वामी ग्रह ,मेष राशि के इष्ट देव कौन है ,तत्व ,रत्न ,रुद्राक्ष ,रंग ,व्यवसाय ,रोग ,उच्च नीच मूल ग्रह ,मंत्र ,धातु और नाम अक्षर आदि की जानकारी प्राप्त करेंगे।
मेष राशि वालों का स्वाभाव (Mesh Rashi personality)
मेष राशि के जातक प्रायः चंचल स्वाभाव के होते है इनमे अक्सर अस्थिरता देखि गयी है तथा यह कल्पनावादी होते है। इनके स्वाभाव में किसी का अहित न करना तथा शर्मीले स्वाभाव का होना शामिल है। यह कम बोलने वाले, शांत और गंभीर ,मृदुलभाषी होते है। इनकी दिनचर्या काफी अव्यवस्थित होती है जैसे देर से सोना और देर से उठना। इनकी रोजगार की स्थिति यात्राओं के माध्यम से तथा अपने जन्म स्थान से दूर निर्मित होती है।
यह प्रायः अपनी इच्छाओ के अनुसार जीते है। यह स्त्रीवर्ग को आसानी से पसंद आ जाते है और उनपर प्रभाव ज़माने में सफल हो जाते है। इन्हे अक्सर खान पान का शौकीन देखा गया है। यह पर्यटक की तरह होते है तथा किसी को अपना बनाने में कुशल होते है । यह शत्रु को भी मित्र बना सकते है इनमे यह अच्छा तजुर्बा लिए होते है।
मेष राशि शारीरिक बनावट (Mesh Rashi Physical Appearance)
यह मध्यम कद से कुछ लम्बे होते है। इनका शरीर पतला परन्तु मांसल शरीर होता है तथा चेहरा लंबा और चौड़ा मस्तक लिए होता है। अक्सर मेष राशि वालो के नाक ,सिर या कनपटी पर निशान देखे गए है। इनकी दांतो की स्थिति बड़ी शानदार होती है और बालो की संरचना प्रायः घुंघराले,रूप में देखि गयी है।
मेष राशि का चिन्ह (Mesh Rashi Symbol)
मेष राशि का चिन्ह एक नर भेड़ होता है जिसे अंग्रेजी में Ram कहा जाता है। यही नर भेड़ जिसे मेढ़ा (Aries in Hindi) भी कहा जाता है मंगल देवता की सवारी भी है। नर भेड़ जिस तरह लड़ता है उसी प्रकार मेष राशि के जातक लड़ाई और वाद-विवाद में रूचि दिखाते है।
मेष राशि का स्वामी कौन है (Mesh Rashi Ruling Planet)
मेष राशि के स्वामी मंगल देवता (Mars) होते है और उनकी सवारी नर भेड़ (मेढ़ा) होता है। मंगल को प्रायः साहसिक ,उत्साही और उग्र मन जाता है। यही गुण मेष राशि के जातको में भी देखे जाते है। यह अपने आप को एक्टिव रखते है।
मेष राशि के इष्ट देव कौन है (Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai)
Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai: वैसे तो मंगल देवता इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर मेष राशि के इष्ट देव कौन है की बात की जाये तो मंगलमूर्ति हनुमान जी मेष राशि के इष्ट देवता होते है। मेष राशि मंगल ग्रह द्वारा संचालित है। मंगल के आराध्य देवता हनुमानजी है। इसलिए मेष राशि और मेष लग्न वालो को अपनी कुंडली में अच्छे फल की प्राप्ति के लिए हनुमानजी को इष्ट देवता मानकर पूजा करनी चाहिए ।
मंगलमूर्ति हनुमान जी
मेष राशि तत्व (Mesh RashiElement)
मेष राशि एक अग्नि तत्व (Fire Element) राशि है जिसके सवामी मंगल देव है। अग्नि तत्व होने के कारण ही मेष राशि के जातको में अक्सर उग्रता और कभी कभार चिड़चिड़ा पन भी देखा गया है।
मेष राशि का रंग (Mesh Rashi Color)
मेष राशि का रंग मंगल (Mars) और अग्नि (Fire) से से युक्त यानि लाल और नारंगी लिए होता है।
मेष राशि का व्यवसाय (Mesh Rashi profession)
मेष राशि वाले अक्सर पुलिस प्रशाशन ,सेना,कुश्ती और टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए पाए गए है और इनमे जाने की संभावनाएं होती है।
मेष राशि के संभावित रोग (Mesh Rashi disease)
मेष राशि जातको में अक्सर रक्त की समस्या ,स्वाभाव में चिड़चिड़ापन और तीव्र बुखार आदि रोग देखे गए है।
मेष राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह
मेष राशि सूर्य की उच्च राशि है। वही शनि मेष राशि में नीच का हो जाता है। तथा मेष मंगल की मूल राशि है।
मेष राशि के लिए मंत्र (Mesh Rashi Mantra)
|| ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायणाय नम: ||
इस मंत्र का प्रति दिन 1 माला जाप करना चाहिए। इसके अलावा हनुमानजी का मंत्र श्री हनुमते नमो नमः तथा मंगल देवता मंत्र ॐ भौमाय नमः का भी जाप किया जा सकता है।
मेष राशि धातु
मेष राशि के लिए ताम्बा (Copper) मूल धातु मानि गयी है।
मेष राशि रत्न (Mesh Rashi gemstone)
मेष राशि के लिए मूंगा (Coral) मूल रत्न मन गया है। लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।
मेष राशि रुद्राक्ष (Mesh Rashi Rudraksha)
मेष राशि के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में बताया गया है। मेष राशि के लोग मूंगा न धारण करने की स्थिति में 3 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। नेपाली रुद्राक्ष हो तो बेहतर है।
मेष राशि के नाम के पहले अक्षर
मेष राशि नाम के आरंभ के अक्षर ‘ अ,चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो’ अक्षर होते हैं।
मेष राशि के इष्ट देव कौन है (Mesh Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai) ,मेष राशि क्या है तथा मेष राशि के बारे में आवश्यक जानकारी आपको कैसी लगी। आशा है कि यह आपको अपने दैनिक जीवन में सहायता प्रदान करेगा। आप मेष राशि की इस जानकारी को अपने दोस्तों से जरूर शेयर करे और किसी समस्या के लिए फेसबुक पेज से संपर्क कर सकते है ।