सिंह राशि के इष्ट देव कौन है (Singh Rashi ke Isht Dev Kaun Hai)

Singh Rashi ke Isht Dev Kaun Hai: सिंह राशि का प्रति शेर होता है शेर निडर और पराक्रमी होता है और उसे अपने आत्म बल पर भरोसा होता है। सिंह राशि के जातको में निडरता देखि जाती है। इनके अपने काम को समझने का एक अलग तरीका होता है। अगर कोई इनके वर्चस्व को स्वीकार करले कह सकते है की इनकी शरण में आ जाये तो इन जातको का संरक्षण लोगो का आगे बढ़ने में मदद करता है और मार्गदर्शन करता है।

सिंह राशि क्या है (Singh Rashi in Hindi)

काल पुरुष की कुंडली में 5th हाउस सिंह राशि (Singh) को दर्शाता है। सिंह राशि क्या है इसे ऐसे समझे की जिस जातक का जन्म सिंह राशि में हुआ है यानि उसकी कुंडली में सिंह राशि लिखी है इसका अर्थ है की उसके जन्म के समय चन्द्रमा सिंह राशि में स्थित है। जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में स्थित है वही राशि जन्म राशि कहलाती है। सिंह राशि के इष्ट देव कौन है यह आगे हम इसी पोस्ट में जानेंगे ।

सिंह राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (singh Rashi Facts)

सिंह राशि के जातक का स्वाभाव (singh rashi personality)

इन्हे अक्सर चुनोतिया पसंद नहीं आती और बेकार में किसी से दुश्मनी नहीं लेते ,किसी से उलझते नहीं। लेकिन किसी से अगर इनकी दुश्मनी हो जाती है तो ये उसे मिटा देते है कह सकते है शत्रु का दमन करते है।यह अच्छे कलाकार होते है। इन्हे एक्टिंग करने का शौक होता है। अक्सर किसी भी बात का अभिनय के जरिये बता देते है ।

सिंह राशि एक अग्नि तत्व स्थिर राशि है जिसका स्वामी सूर्य है। इन्हे अपनी क्षमताओं पर भरोसा होता है इन्हे पता होता की कब क्या करना है । अक्सर इन्हे नया करना पसंद होता है कह सकते है की यह कार्य में क्रिएटिविटी ला सकते है। यह किसी कार्य का शुरू करते है तो उसमे अनंत की सम्भावनाओ को व्यक्त करते है कार्य में कई नई चीजे ले कर आते है। इस राशि का स्वामी सूर्य होने के कारण इनमे स्वचालित ऊर्जा होती है। यह किसी के नियंत्रण में काम नहीं करना चाहते यह या तो अपना कार्य खुद करते है या एक अच्छे लीडर के रूप में अपने आप का दर्शाते है।

इनके स्वाभाव में प्रभुत्वशाली, मुखर, ताकतवर, प्रशासन में सक्ष्म होते है । यह स्पष्टवादी, दयालु क्षमाशील, महत्वाकांक्षी, संकल्पशील भी होते है । पठन-पाठन के शौकीन होते हैं। आय सीमित होने पर भी शान से जीते हैं लोगों में आत्मविश्वास जागृत करने मे निपुण होते हैं कह सकते है मोटिवेशनल होते है।

चाटुकारी से अप्रसन्न होते हैं। मुख्य गुण हैं इनका शांत स्वभाव। पूर्व दिशा की यात्रा और पूर्व दिशा की ओर मुख करके कार्य करना लाभकरी रहता हैं आत्मविश्वास और वस्तुओं का संग्रह इनकी सफलता के मूलाधार हैं। आत्मविश्वास और धैर्य के बल पर कठिन कार्य में भी सफल होते हैं। अवसर का लाभ उठाने से नहीं चूकते हैं।

नाटक, कविता और कलाओं में रूचि होती हैं राजा और परिवार के प्रति वफादार रहते है। सट्टेबाजी में रूचि होती हैं सरकारी नौकरी, पुलिस और सेना में सफल रहते हैं। किसी एक क्षेत्र में महारत हासिल करते हे। व्यक्तित्व आकर्षक होता हैं। विपरीत लिंग के व्यक्ति आकर्षित होते हैं।। दूरस्थ स्थान, पर्वतादि में घूमने के शौकीन होते हैं, ढंडे स्थानों से बचाव करत हैं। अगर सिंह राशि के इष्ट देव कौन है इस बारे में जान ले और उनकी आराधना करे तो जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

सिंह राशि के जातक की शारीरिक संरचना (singh rashi physical appearance)

अच्छा कद, चौड़े कंधे और सुदृढ़ शरीर, प्रभावशाली व्यक्तित्च अंडाकार चेहरा, शरीर का ऊपरी भाग सुडौल, पतली कमर, नीली या पीली आंखे प्रायः सिंह राशि के जातको में देखीं जाती है।

सिंह राशि का चिन्ह (singh rashi symbol)

सिंह राशि का चिन्ह शेर होता है जिसे अंग्रेजी में लियो कहा जाता है। यही शेर माता बाघेश्वरी का वाहन भी है।

सिंह राशि का स्‍वामी

सिंह राशि के स्वामी सूर्य देवता होते है। सूर्य किसी के अधीन कार्य नहीं करता वैसे ही सिंह और सिंह राशि के जातको में ये गुण देखा जाता है। आगे हम देखते है सिंह राशि के इष्ट देव कौन है के बारे में।

सिंह राशि के इष्ट देव कौन है (Singh Rashi ke Isht Dev Kaun Hai)

Singh Rashi ke Isht Dev Kaun Hai: वैसे तो सूर्य देवता इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर सिंह राशि के इष्ट देव कौन है की बात की जाये तो भगवान नरसिंह सिंह राशि के इष्ट होते है। भगवान शिव और बाघेश्वरी माता को भी इष्ट माना गया है इनकी भी उपासना करनी चाहिए। सिंह राशि के अधिपति सूर्य ग्रह है। सूर्य का सम्बन्ध शिव से भी है और बारह आदित्यो से भी। श्री कृष्ण ने गीता के दसवे अध्याय में कहा है की प्रकाशवान पदार्थ में सूर्य हूँ और पशुओ में सिंह हूँ। यानि भगवान नरसिंह के रूप में सूर्य और विष्णु दोनों समाहित है। इसलिए यह सिंह राशि के इष्ट देव है।

सिंह राशि तत्व (singh rashi element)

सिंह राशि एक अग्नि तत्व राशि है जिसके सवामी सूर्य देव है। अग्नि तत्व होने के कारण ही सिंह राशि के जातको में अक्सर उग्रता देखीं गयी है।

सिंह राशि का रंग (singh rashi color)

सिंह राशि का रंग सूर्य और अग्नि से से युक्त यानि लाल और नारंगी लिए होता है। गुलाबी और सुनहरा भी माना जा सकता है।

सिंह राशि का व्यवसाय (singh rashi profession)

सिंह राशि के जातक सरकारी नौकरी,सरकारी सेवा,उच्च स्तरीय प्रशासनिक सेवा,मजिस्ट्रेट ,सेना,राजनीति , सोने का काम करने वाले , जौहरी , फाईनान्सर , प्रबन्धक,राजदूत ,चिकित्सक (फिजिशियन), दवाइयों से संबंधी मैनेजमेंट , उपदेशक, मंत्र कार्य , फल विक्रेता , वस्त्र , घास फूस (नारियल रेशा , बांस तृण आदि) से निर्मित सामाग्री,तांबा,स्वर्ण, माणिक,सींग या हड्डी के बने समान,खेती बाड़ी , धन विनियोग , बीमा एजेंट ,सरकारी मुखबीर ,गेहूं से संबंधी ,विदेश सेवा, ओषधि , चिकित्सा , सभी प्रकार के अनाज , लाल रंग के पदार्थ , शहद , लकड़ी व प्लाई वुड का कार्य , सर्राफा , वानिकी , ऊन व ऊनी वस्त्र , पदार्थ विज्ञान , अन्तरिक्ष विज्ञान , फोटोग्राफी , नाटक , फिल्मों का निर्देशन, इत्यादि |

सिंह राशि के संभावित रोग

सनबर्न,लू लगना, मिर्गी, ज्वर, तानिका शोथ, हृदय रोग आदि।

सिंह राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह

Leo Rashi सूर्य की स्व राशि है। इसमें कोई गृह उच्च और नीच का नहीं होता है।

सिंह राशि के लिए मंत्र (singh rashi mantra)

।। ॐ नृम नृम नृम नरसिंहाय नम।।

इस मंत्र का प्रति दिन 1 माला जाप करना चाहिए। इसके अलावा सूर्य मंत्र ॐ भास्कराये नमः का भी जाप किया जा सकता है।

सिंह राशि के लिए धातु (singh rashi metal)

सिंह राशि के लिए ताम्बा और स्वर्ण मूल धातु मानी गयी है।

सिंह राशि के लिए रत्न (singh rashi gemstone)

सिंह राशि के लिए माणिक मूल रत्न मन गया है। लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।

सिंह राशि के लिए रुद्राक्ष (singh rashi rudraksha)

सिंह राशि के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में बताया गया है।

सिंह राशि नाम अक्षर  (singh rashi name letters)

इस राशि सिंह राशि के नाम अक्षर मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे हैं।

आज आपने इस लेख में जाना की सिंह राशि के इष्ट देव कौन है (Singh Rashi ke Isht Dev Kaun Hai) उसके बारे में चर्चा की। सिंह राशि क्या है तथा सिंह राशि के बारे में आवश्यक जानकारी आपको कैसी लगी। आशा है कि यह आपको अपने दैनिक जीवन में सहायता प्रदान करेगा।

FAQ:

क्या सिंह राशि के रत्न को सिंह राशि के जातक सीधे धारण कर सकते है ?

नहीं, सिंह राशि के रत्नो को बिना कुंडली देखे नहीं धारण करना चाहिए।

क्या सिंह राशि के रुद्राक्ष को सिंह राशि के जातक सीधे धारण कर सकते है ?

हाँ , सिंह राशि के 5 मुखी रुद्राक्ष को बिना कुंडली देखे धारण किया जा सकता है और हर कोई धारण कर सकता है।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने