Vrishabh Rashi ke Devta Kaun Hai: वृषभ राशि को 12 राशियों में पहली राशि माना जाता है। वृषभ राशि का जो चिन्ह है वो सांड और बेल से मिलता-जुलता है। जैसा की एक सांड या नंदी में गजब की ऊर्जा होती है वही ऊर्जा वृषभ राशि वालो में देखि गयी है। नंदी को भगवन शिव के प्रतिक के तोर पर देखा जाता है। नंदी अक्सर पहाड़ी क्षेत्रो में पाए जाते है। नंदी या सांड को अक्सर हम इधर उधर घूमते देखते है तथा इसका उपयोग पालतू पशु के रूप में नहीं देखा जाता।
वृषभ राशि क्या है (Taurus in Hindi)
वृषभ एक पृथ्वी तत्व की स्थिर राशि है। वृषभ राशि क्या है इसे ऐसे समझे की जिस जातक का जन्म वृषभ राशि में हुआ है यानि उसकी कुंडली में वृषभ राशि लिखी है इसका अर्थ है की उसके जन्म के समय चन्द्रमा वृषभ राशि में स्थित है। वृषभ राशि के इष्ट देव कौन है यह हम आगे इस पोस्ट में पढ़ेंगे लेकिन उससे पहले हम वृषभ राशि के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ले।
वृषभ राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (Vrishabh Rashi Facts)
बेल नंदी या सांड का एक परिवर्तित रूप है जिसका उपयोग कृषि से लेकर बैलगाड़ी में किया जाता है। बैल की ही तरह वृषभ राशि के जातको को भी अपने आप में रूपांतरण करना चाहिए जिससे वह अपने आप को अच्छे तरीके से उपयोग कर सके। यह कह सकते है की यह एक प्रकार का ऊर्जा का रूपांतरण है ।
अगर हरे अंदर ऊर्जा अधिक है और हम उसका उपयोग नहीं कर रहे तो यह ऊर्जा बेकार कार्यो में लग जाती है। वृषभ राशि (Taurus Rashi) वाले अक्सर जल्दी क्रोधित हो जाते है और अपने क्रोध से ही अपने कार्यो को अक्सर नुक्सान पहुंचते है। अगर यह अपने आप में रूपांतरण लाते है और किसी सिस्टम में जाते है तो वह पर इनके बेहतर कार्य की सम्भावना अनंत हो जाती है।वृषभ राशि वालो को अपना सम्बन्ध रचनात्मकता से जोड़ देना चाहिए और जिस प्रकार से उनकी सोच है उसी सोच को व्यव्हार में भी लाना पड़ेगा।
अगर कोई भी कार्य करना हो तो वह जमीनी स्तर पर बेहतर परिणाम देगा जैस अगर खेती करना हो तो उपजाऊ समतल जमीं पर बेहतर परिणाम मिलेंगे पहाड़ की तुलना में । वृषभ राशि वालो को अपने विचार स्थिर करना चाहिए ।
जिस प्रकार जीवन की शरुवात एक अणु से होती है और अणु में अथाह ऊर्जा होती है।वैसे ही वृषभ राशि वालो के जीवन में ऊर्जा तो होती है लेकिन उसका रूपांतरण करना आवश्यक है। जैसे अगर बैल के पीछे अगर बिना पहिये की गाड़ी हो तो वो ठीक से यात्रा नहीं कर सकेगा वैसे ही वृषभ राशि के लोग जिस दिन जीवन को पहिये पर लगाते है उनके जीवन में गति आ जाती है। पहिये से भार काम हो जाता है और जीवन सही चलने लग जाता है।
वृषभ राशि वालों का स्वाभाव (Vrishabh Rashi personality)
यह अच्छे मित्र हो सकते है। स्वभव को परखने की क्षमता होती है तथा धन संयची और खर्च में सावधानी रखते है , आत्मनिर्भर, स्वयं की विशिष्ट कार्य प्रणाली और सिद्धांत, कूटनीति व्यवहार के कारण इनको समझना कठिन होता है, बारीकी के काम में इनको महारत, स्मरण शक्ति उत्तम, प्रत्येक कार्य प्रसन्नता पूर्वक सम्पन्न करते हैं, इनमे अच्छा आकर्षण होता है , कन्या संतान अधिक होती, है, विवाहित जीवन में तलाक बहुत कम होते हैं।
वृषभ राशि शारीरिक बनावट (Vrishabh Rashi Physical Appearance)
मध्यम कद, प्रायः मोटा शरीर, चौड़ा मस्तक, मोटी गर्दन, सुन्दर आकर्षक चेहरा, बड़े कान और आंखें ,चौड़े कंधे, गठीला शरीर, गेहुँआ रंग, भारी जांघे, घुंघराले बाल। अक्सर ऐसे लोगो के कमर या बगल में या तो तिल या मस्सा देखने में आया है।
वृषभ राशि का चिन्ह (Vrishabh Rashi Symbol)
वृषभ राशि का चिन्ह हिंदी में हम चार (४) लिखते है उस प्रकार का होता है। इसे एक प्याले की तरह भी देखा जाता है। इसके अलावा बेल के ऊपर के दो सींगो की जगह भी समझा जाता है।
वृषभ राशि का प्रतिक एक बैल होता है जिसे आपने स्पेन में सांडो की दौड़ में देखा होगा । यही बैल या नंदी महादेव की सवारी भी है।बैल की ही तरह इनका स्वाभाव बिगड़ने पर इनपर नियंत्रण करना आवश्यक है।
वृषभ राशि का स्वामी कौन है (Vrishabh Rashi Planet)
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र देवता (Venus) होते है। इसी कारण इन राशि के जातको में प्रेमपूर्ण व्यवहार, सौंदर्य उपासक, संगीत और कला में रूचि देखने को मिलती है।
वृषभ राशि के इष्ट देव कौन है (Vrishabh Rashi ke Devta Kaun Hai)
Vrishabh Rashi ke Devta Kaun Hai: वैसे तो शुक्र देव इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर वृषभ राशि के इष्ट देव कौन है की बात की जाये तो देवी महालक्ष्मी जी वृषभ राशि की इष्ट देवता होती है। वृषभ राशि शुक्र ग्रह से संचालित होती है। शुक्रवार को देवी लक्ष्मी के दिन से भी जोड़ा जाता है। क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी व्रत ,लक्ष्मी पूजन आदि होता है। इसलिए अगर वृषभ राशि और लग्न के लोगो को शुक्र को मजबूत करना हो तो देवी लक्ष्मी और उनके रूपों की आराधना करनी चाहिए ।
वृषभ राशि तत्व
वृषभ राशि एक पृथ्वी तत्व (Earth Element) राशि है जिसके सवामी शुक्र देव है। इन्हे जमीनी स्तर से जुड़ा होना चाहिए जो इन्हे फायदा देता है।
वृषभ राशि का रंग (Vrishabh Rashi Color)
वृषभ शुक्र की राशि होती है जिसका रंग सफ़ेद होता है।
वृषभ राशि का व्यवसाय (Vrishabh Rashi profession)
वृषभ राशि वाले अक्सर उच्चकोटि के पदों पर कार्यरत , सुख-सुविधाओं की सामग्री जैसे इलेक्ट्राँनिक सामान, सौंदर्य प्रसाधन, बाग,-बगीचे, इत्र आभूषण आदि के व्यापार में रूचि, उत्तम अभिनेता, संगीतज्ञ, फिल्म निर्माता आदि होते हैं, कन्या विद्यालय या महिला क्लब में कार्यरत, भाग्यवान, आभूषणों और बागवानी पर धन व्यय करते है।
वृषभ राशि के संभावित रोग (Vrishabh Rashi disease)
वृषभ राशि जातको में अक्सर टान्सिल, डिप्थीरिया, पायरिया, जुकाम, कब्ज और मूत्र से सम्बंधित समस्या तथा मतिभ्रम जैसी समस्याओ की सम्भावनाये रहती है।
वृषभ राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह
वृषभ राशि चन्द्रमा की उच्च राशि है। वही राहु वृषभ राशि में उच्च का हो जाता है तथा केतु वृषभ में नीच का हो जाता है। बृषभ शुक्र की स्व राशि है।
वृषभ राशि मंत्र (Vrishabh Rashi Mantra)
|| ॐ ह्रीं ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं ||
इस मंत्र का प्रति दिन 1 माला जाप करना चाहिए। इसके अलावा महालक्ष्मी जी का मंत्र ॐ श्री महालक्ष्मी नमो नमः तथा शुक्र देवता मंत्र ॐ शुक्राय नमः का भी जाप किया जा सकता है।
वृषभ राशि धातु
वृषभ राशि के लिए चांदी (Silver) मूल धातु मानि गयी है।
वृषभ राशि रत्न (Vrishabh Rashi Gemstone)
इस राशि के लिए हीरा मूल रत्न मन गया है। ओपल को भी हीरे के विकल्प के रूप में पहना जाता है। लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।
वृषभ राशि रुद्राक्ष (Vrishabh Rashi Rudraksha)
इस राशि के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में बताया गया है। अगर आप हीरा या ओपल नहीं ले पा रहे है तो आप 6 मुखी नेपाली रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
वृषभ राशि के नाम के पहले अक्षर (Vrishabh Rashi Name Letters)
वृषभ राशि के नाम अक्षर ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो, ब है।
आज आपने इस लेख में जाना की वृषभ राशि के इष्ट देव कौन है (Vrishabh Rashi ke Devta Kaun Hai) उसके बारे में चर्चा की। वृषभ राशि क्या है तथा वृषभ राशि के बारे में आवश्यक जानकारी आपको कैसी लगी। आशा है कि यह आपको अपने दैनिक जीवन में सहायता प्रदान करेगा।